Sunday, October 3, 2021

!! कोई गाँधी बने और... !!





खुदा किसी को कभी दिन ना ये दिखलाये ! 
जो  मेरी   राह   चले,  मेरी  मौत   मर जाये !!

मुझपे  करनी है इनायत  तो ये दुआ  मागो,
ये  मेरा  वक्त   बुरा  जल्द  ही  गुज़र  जाये !! 

जिस्म  मरता  है मर  जाए, कोई  बात नहीं, 
मग़र  ये  रूह, कुछ  दिनों   तो  ठहर जाये !!

कोई सूरज से ये कह दे की आग ना उगले, 
कहीं  ऐसा  ना  हो  बर्फ़ सब  पिघल  जाए !!

अब की वादा नहीं  लिख कर लेलो उससे, 
कही  ऐसा ना हो  फिर से  वो मुकर जाये !!

कौन कहता  है,इन्क़लाब नहीं आ सकता , 
कोई गाँधी बने और ज़िद लिए उतर जाये !!
रचना -जयप्रकाश ,जय      ०२ अक्टूबर २०२१ 






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