जरा पत्थर उछालो----
जो चाहो ओ मिलेगा जरा ख्वाइस तो पालो ।
सजर पे पक गया है फल जरा पत्थर उछालो ।। 1
शहर में घर नहीं है जिनका शहर उनका नहीं है क्या ।
है उनसे ये शहर रोशन उन्हें मत मार डालो ।। 2
उमीदें है फ़क़त तुमसे सभी तेरे सहारे ।
नजर तुमपे टिकी है सुनो विज्ञान वालो ।। 3
लड़ाई है अभी लम्बी जमाना कह रहा है ।
यही बेहतर है कि तब तक घर को सम्हालो ।। 4
रचना - जय प्रकाश विश्वाकर्मा
30 /03 /2020
बढिया ! लिखते रहिये। घर नही है जिनका उनका शहर नही है क्या ये पुछनेवाले भी चाहिये । दिलके अंगारोंको हवा और दो ।
ReplyDeleteThanks
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