Monday, April 19, 2021

!! जिंदगी पे बहुत भारी है !!








शहर से  गांव तक  फ़ैली  हुई  लाचारी है !
मग़र  जंग सोशल  मीडिया  पर  ज़ारी है !!१ 

उन्हें    फुर्सत     कहाँ    चुनाव  से   'जय' 
एक हो   ख़त्म तो  दूसरे  की   तैयारी  है !!२ 
कोरोना  एक  पर बातें  हज़ार   होती  हैं , 
सुना  हवा  की भी करता अब  सवारी है !!३ 

ना  जाने  और  कितने  शिकार  होने  हैं, 
खौफ  आँखों  में  दिलों   में   बेक़रारी है !!४ 

ना   हवा   ना  दवा   ये   शोर   परपा  है, 
क्या  ख़ूब इन अस्पतालों  की  तैयारी है !!५ 
हवा  उड़ी  हुई  हर   एक  यहां  चहरे से ,
साफ़  दिखती  चेहरों पर अब बेचारी है !!६ 

बच  गए  गर  तो   भूख़  से  मर जाना है,
मुफलिसी आज जिंदगी पे बहुत भारी है !!७ 

-जय प्रकाश ,जय १८ अप्रैल २०२१ 
 मुफलिसी -ग़रीबी 

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