Saturday, August 14, 2021

!! आज़ादी का नाम ज़िम्मेदारी है !!






  !!आज़ादी का  नाम  ज़िम्मेदारी है!!

इतना    भी   आसान    ना    दुनियाँदारी   है  !  
आज़ादी     का      नाम        ज़िम्मेदारी     है !!

जमीं के बस टुकड़ों  को  मुल्क़  नहीं  कहते, 
मुल्क का  हिस्सा  वहाँ  का  हर  नर नारी  है !!
मुल्क़   मुकम्बल    सदा   बनाना   पड़ता  है, 
बनता   है    ग़र    सबकी      भागीदारी    है !!

हिन्दू   मुस्लिम    का    मसला  ही  फ़र्ज़ी   है, 
असल   मसाइल पर  नज़र कहाँ   हमारी  है !!
मसला  है  रोटी   मकान  और   कपड़े   का,
जिसकी  जननी    सदा   ही   बेरोज़गारी  है !! 

मीडिया  से  कुछ  उम्मीद  अब  मत  करना  , 
इसके    मुँह   में   अब  ज़ुबान  सरकारी  है !!

डालो फूट   और राज  करो  पर ज़ोर  बहुत , 
गई     नहीं    अंग्रेजों    वाली    मक्कारी   है !! 

जो   जैसा     है   वैसा    ही   लिख  देता  हूँ 
बात    बनाना    आदत     नहीं    हमारी   है !!

रचना -जयप्रकाश ,जय १४ अगस्त २०२१ 
  








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