!! लिंक सब हो गया आधार से !! PART-1
जहाँ बदलेगा तो बस विचार से !
गोली बारूद ना तीर तलवार से !!
मुहँ में खुद की ज़ुबान रखा करें,
उम्मीद छोड़ें टीवी अख़बार से !!
आज के दौर की हकीकत है,
काम बनता नहीं सब प्यार से !!
आप बस तुग़लकी फ़रमान सुनें ,
सवाल पूछे नहीं सरकार से !!
छुपाना कुछ नहीं आसान है अब ,
लिंक सब हो गया आधार से !!
आप अक्सर शराब पीते हैं,
ये तो ग़द्दारी है परिवार से !!
रचना -जयप्रकाश ,जय १० जुलाई २०२१
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