बातें करती थकती नहीं है हिन्दू मुसलमान की !
मीडिया हिन्दुस्तान की ख़बरें पाक़िस्तान की !!
आती जाती सरकारों का वादा कितना झूठा !
ऊपर से इस कोविड का रह रह ग़ुस्सा फूटा !!
जाने कब आवाज़ सुनी जाएगी किसान की !!
ऊपर से इस कोविड का रह रह ग़ुस्सा फूटा !!
जाने कब आवाज़ सुनी जाएगी किसान की !!
काम निकलते ही वादा जुमला जब बन जाये !
मँहगाई डायन थी कल आज डार्लिंग कहलाये !!
दो कौड़ी की क़ीमत हो गई अब ज़ुबान की !!
बड़ा ही कठिन काम, नागरिक बोध यहाँ जगाना !
और उतना ही आसान भक्त यहाँ बन जाना !!
भक्ति ही अगर करनी तो कीजिये भगवान् की !!
काश बातों से ही पेट भर जाया करते !
गाँव आ शहरों में ठोकर क्यूँ खाया करते !!
भूख जानी दुश्मन है सदा ही इंसान की !!
दो कौड़ी की क़ीमत हो गई अब ज़ुबान की !!
बड़ा ही कठिन काम, नागरिक बोध यहाँ जगाना !
और उतना ही आसान भक्त यहाँ बन जाना !!
भक्ति ही अगर करनी तो कीजिये भगवान् की !!
काश बातों से ही पेट भर जाया करते !
गाँव आ शहरों में ठोकर क्यूँ खाया करते !!
भूख जानी दुश्मन है सदा ही इंसान की !!
मुल्क है सबका हिफाज़त सबकी जिम्मेदारी !
इसकी उसकी सबकी हमारी और तुम्हारी !!
आबरू बचाये रखना सबको है संविधान की !!
बातें करती थकती नहीं है हिन्दू मुसलमान की !
मीडिया हिन्दुस्तान की ख़बरें पाक़िस्तान की !!
रचना - जयप्रकश ,जय ०८ जुलाई २०२१
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