Monday, May 31, 2021

!! साथ अब विज्ञान रहेगा !!









मंदिर का भजन मस्ज़िद  का अज़ान रहेगा !
मुहब्बत ही  इस  मुल्क़  की  पहचान रहेगा !
!

मिलकर  गंगा  जमुना  जहाँ  एक  हो  जाएँ, 
जहज़ीब गंगा  जमनी ही  सदा  शान रहेगा !!
एक  दूसरे  का   नुक़्स गिनाने  में क्या मज़ा,
चलो हाथ पकड़कर  जीना आसान   रहेगा !!

अच्छे  दिनों  के   ख़्वाब साकार   क्या होंगे,
सियासत की जद में  यूँ  गर किसान रहेगा !!

ये  हक़  की  लड़ाई  तब   तक  ही  चलेगी, 
महफूज़  यहाँ  जब  तक संबिधान   रहेगा !!
कम  होता चला जायेगा दुश्वारियों का दौर, 
साये  की  तरह  साथ  अब   विज्ञान रहेगा !!

तबियत से  एक पत्थर उछाल कर   देखो, 
क़दमों   में  आप  के   ये  आसमान रहेगा !!

रचना -जयप्रकाश ,जय ३१ मई २०२१ 

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