Saturday, March 20, 2021

!! जिस्म बूढ़े जब भी हो जाते हैं !! PART-2









जिस्म  बूढ़े   जब  भी  हो  जाते  हैं !
रूह  को   पंख   निकल   आते हैं !!

रूह   जब  भी   उड़ान   भरती  है 
ज़िस्म फिर ख़ाक में मिल जाते हैं !!
जोश    में   होश    गवांते  जब  हैं,
बने   भी    काम   बिगड़   जाते हैं !!

दिलजलों का दूसरा काम  क्या है   
ये  तो    बस   आग   ही लगाते हैं !!
जिनके बस का  कोई  काम नहीं , 
वो   फ़क़त   खामियाँ  गिनाते  हैं !!

भले   रावण   को   मात   देते   हैं,  
मग़र   बच्चों    से    हार  जाते  हैं !!

रचना -जयप्रकाश ,जय १९/०३/२०२१ 



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