गीत संगीत हो और सोहर भी गाया जाये !
लगालो बाज़ी सब दाव पर लगता हूँ ,
बिना विज्ञान के बस रह के बताया जाये !!२
मुश्किलों में ये सदा हाथ थामे रहता है,
ऐसे महबूब का अहसान जताया जाये !!३
खुदा नहीं , खुदा से मगर कम भी नहीं,
कलीसा इसके लिए कोई बनाया जाये !!४
धर्म- विज्ञानं जिंदगी की ये दो आँखें हैं,
दोनों आँखों से सच देखा,दिखाया जाये !!५
बग़ैर जिस्म, भला रूह कहाँ रहती है ,
अगर रहती है तो सबूत बताया जाये !!६
रचना -जयप्रकाश,जय 28 फेब्रुअरी 2020
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