Wednesday, March 24, 2021

!! खत मुझे लौटाया है !! PART-1




एक     एहसान    वो   फ़रमाया है  !
वो   मेरा  ख़त    मुझे   लौटाया  है !!

जो  मेरे सर की  क़सम खाता  था ,
उसने   इल्ज़ाम    सर   लगाया  है !!
और  तो  और  उसे  ईनाम  मिला , 
जिसने   ये   बस्तियाँ   जलाया  है !!

खूबियाँ  उसको  कहाँ  दिखती हैं , 
वो  तो  सब  ख़ामियां  गिनाया है !!
हवा  के   साथ   साथ   चलता  है, 
किसी ने उसको भी  धमकाया है !!

और तो कुछ  नहीं  मैं  कर  पाया ,
अपने  बच्चों  को   बस पढ़ाया है !!
बुज़ुर्गो   की    दुआएँ   साथ   मेरे, 
मेरा    सबसे   बड़ा   सरमाया  है !!            
सरमाया-धन 

बात  करने   से   बात   बनती  है, 
तुजुर्बा    बिल्कुल   आज़माया है !!

रचना -जयप्रकाश ,जय २४ मार्च  २०२१ 





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