Sunday, March 7, 2021

!! इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई !!




एक  जमाने  में  हाय  तौबा  थी मचाई !
आजकल  इतना  सन्नाटा  क्यूँ  है भाई !!१ 

जान    के   अनजान   बने    बैठे  हैं,
वो   जानते  है   इसी   में   है  भलाई !!२ 

वो    उन   आँखों     का   क़सूर  था,
या  इन  आँखों  ने  रौशनी है गवाई !!३ 

कट तो  उनकी   भी रही, कहें कैसे ,
जुबां  खुली  जो होगी बड़ी रुसवाई !!४ 

अधेरों को गुमान  क्यूँ  ना  हो जाये  ,
चराग़  बन गए अधेरों के ही शैदाई !!५ 

अब    दिलरुबा     हो      गई    शायद ,
एक  जमाने में  डायन  थी  ये  महँगाई !!६ 

पेट्रोल  ने  आख़िर  शतक   है   लगाईं  ,
सोहर   गाओ   मंगल   घड़ी   है  आई !!७ 

रचना -जयप्रकाश ,जय ०७/०३/२१ 
              

           शैदाई-मित्र 

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