रोज़ एक झूठ अब बाज़ार में आ जाता है !
और दूसरे दिन अख़बार में आ जाता है !!१
ख़ुद को ही जैसे ख़ुदा समझने लगतें हैं ,
जीत कर जो भी सरकार में आ जाता है !!२
बात तो मन की वैसे रेडियो पर होती है ,
क्या था मतलब समाचार में आ जाता है !!३
घरों का ऐसे अल्ला ही मालिक होता है ,
घर का झगड़ा जब बाज़ार में आ जाता है !!४
ये अंधेरे फिर घर से नहीं निकलते हैं,
सूरज अपने जब क़िरदार में आ जाता है !!५
जिन्दा जाने का कोई रास्ता ना होता है ,
आदमी जब इस संसार में आ जाता है !!६
०३/०३/२०२१
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