उधारी लेता पर होशियारी करता है !
रुसवा वो अब सबको बारी बारी करता है !!१
एक अनार और सौ बीमार सा मंजर है ,
फिर भी सब अपनी ही दावेदारी करता हैं !!२
तेरी किस्मत तू समझे और तू जाने,
बिन पतवार के नाव पर सवारी करता है !!३
किस्मत से उसकी कुछ ज्यादा अनबन है ,
कई सालों से आज भी तैयारी करता है !!४
रूह तो हर पल उड़ने को बेताव ही है ,
जिस्म तो ऊपर ऊपर पहरेदारी करता है !!५
बिना सिखाये सबक कहाँ जाने देती,
जिंदगी के साथ जो गद्दारी करता है !!६
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