यहाँ दुर्गुणों का ही संहार है I
बुद्धत्व शांति और क्रांति का द्वार है II 1
इसके आगे सब सिकंदर हारे ,
यहाँ तो करुणा ही एक तलवार है II 2
जमाना चाहे कितना बदले ,
बुद्ध हर वक्त की दरकार है II 3
ज्ञान तो है जरुरी ठीक है पर ,
ध्यान सध जाये तो बहार है II 4
यहाँ दुर्गुणों का ही संहार है I
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