7 Jan.1967 To 29 April 2020
ऐसा नहीं की यहाँ अब कोई खान नहीं है ,
लेकिन तेरे जैसा कोई इरफ़ान नहीं है II 1
माना की मौत सबको आती है एक दिन ,
इस तरहा बुला लेना तो शान नहीं है II 2
जिंदगी तेरी यै दोस्त मुश्किल भरा सफर,
हुनर वालों को यहां वक्त पर सम्मान नहीं है II 3
तेरा हुनर सदा है एक मील का पत्थर,
तेरी जगह भरना कभी आसान नहीं है II 4
तू इस तरह गया की दिल टूट गया है ,
लगता कभी कभी की भगवान नहीं है II 5
रचना - जय प्रकाश िश्वकर्मा डोम्बिवली
29 अप्रैल 2020
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