# ख़्वाब ज्यादा हंसीन नहीं?
सुना है इस सियासी दुनियां में,
कोई उस सा अब बेहतरीन नहीं।
सच कहें तो कभी तसद्दुत का,
कोई भी अपना धरम दीन नहीं।
इल्म ने काम कर दिया अपना,
कुलीन सिर्फ़ अब कुलीन नहीं।
कर दिया इसने जहां मुट्ठी में,
ये मोबाइल अज़ब मशीन नहीं।
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