मुहब्बत तुमसे नफ़रत है तो है !
ख़ुशी से अब बग़ावत है तो है !!
ग़मो के साथ ही रहना पड़ेगा,
अगर अपनी ये क़िस्मत है तो है !!
गलतियां हमसे भी होती रही हैं,
सब्र उसकी इनायत है तो है !!
यूँ तो बाज़ार सारे खुल गए हैं,
दिलों में अब नहीं दहशत है तो है !!
-जय प्रकाश जय
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