Monday, June 7, 2021

!! दुनियाँ झूठ की दिवानी !!












    आना  जाना  कुछ  नहीं  बस   बातें  हैं  बनानी !
    ना नौ  मन  तेल  होगा  ना   नाचेगी  राधा रानी !!

    खुदगर्ज़ी  की  दुनियाँ  में   हमदर्द  कहाँ   कोई, 
    ख़ून   शायद  जिस्मों   का  बन  रहा   है  पानी !!
    बोये   पेड़  बबूल  के  फिर  आम  कहाँ से  हो, 
    कांटे हैं  अब  चुभ रहे  तो  इतनी   क्यूँ  हैरानी  !!

    इंटरनेट की दुनियाँ  जानी  दुधारी  तलवार   है , 
    गुज़ारिश  बच्चों  पर  रखा  करो     निगेहबानी !!
    सच बोलने वालों का मज़ाक बन गया है 'जय' 
    देखा है  पहली बार  दुनियाँ  झूठ की  दिवानी !!

    एक ना  एक  दिन तो यूँ  हादसा  होना ही  था,  
    समझने को  राज़ी  कौन  कुदरत  की परेशानी !!

    रचना -जयप्रकाश ,जय ०७ जून २०२१ 

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