नींद से जब भी जाग जायेंगे !
जिंदगी क्या है देख पायेंगे !!
रुकेगा कुछ ना कारोबार यहाँ,
हम जो दुनियाँ से चले जायेंगे !!
हौशला गर यूँ अधेरों का बढ़ा,
दिन में भी तारे नज़र आयेंगे !!
घर सजाने की फ़िक्र बाद में कर,
सोच की कैसे घर बनायेंगे !!
जुल्फ की छाँव में रहना सीखें ,
आप होम लोन से बच जायेंगे !!
क़लम के गर कदरदां होंगे,
तो मेरा हौशला बढ़ायेंगे !!
जमाना और भी बदलेगा अभी,
कल के बच्चे हमें सिखायेगें !!
शराब अब उसे पीने है लगी,
घर मकां देखना बिक जायेंगे !!
जान जिसको यहाँ प्यारी होगी ,
जा के वैक्सीन वो लगवायेंगे !!
खुद को अपग्रेड भी करना होगा ,
वर्ना बेमौत मारे जायेगें !!
रचना !! जयप्रकाश ,जय !!११ मई २०२१
वाह,
ReplyDeleteअप्रतिम रचना,
जय हो भाई जी