Friday, January 29, 2021

!! नई अगड़ाई है !!










मिडिया  ने   तो  असली   बात  छुपाई है !
सोशल   मिडिया  पर  बिखरी सच्चाई है !! १ 

जनवरी  छब्बीस  को  जो  देखा  सबने, 
कोई  तो  है  जो  ये साज़िश   करवाई है !! २ 

फिर  ज़ज़्बे  में  नया जोश  भर आया है, 
फिर    आन्दोलन   में   नई   अगड़ाई है !! ३ 

दिए बुझाने की क़ोशिस नाकाम है सब, 
घोर  अंधेरों  की   अब  शामत  आयी है  !! ४ 

सुबह का आलम जाने कल कैसा होगा ,
करवट  ले   ले     कर   रात   बिताई  है !! ५ 

मौसम का मिज़ाज़ बदला बदला सा  है ,
धीरे    धीरे     सुरु     हुई     पुरवाई   है !! ६ 

बेशक आप कुछअच्छे काम किये होंगे ,
लेकिन  हुआ  है  जो  इसमें  रुसवाई है !! ७ 

सत्ता  का  सिंहासन  भी  हिल  जाता है ,
जनता जब जब भी सड़कों पर आयी है !! ८ 

रचना -जयप्रकाश, जय २९/०१/२०२१ 

1 comment:

  1. सिंहासन जरुर हिला है ।

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