Tuesday, August 18, 2020

IIये किसके ख़्वाबों का हिंदुस्तान है II





किसी के  तंज ने लेली  किसी की जान   है I
ये   किसके    ख़्वाबों    का   हिंदुस्तान  है II
दिलों    में    आग    इतनी    नफरतों   की ,
खंजर     बन     गई     ख़ुद    जुबान    है II

वक़्त  बदला जय  मग़र  कुछ   यूँ   बदला ,

TRP ही  टेलीविज़न  का अब    ईमान  है II

ना  ख़बर   थी   दिन  ऐसे  भी  आ  जायेगे ,

चौकीदार ही ख़ुद लूट लेंगे अब मकान  है II
कोई  इंसान  बनने  को  ही   नहीं   राज़ी ,
जहाँ देखूं कोई हिन्दू   कोई मुसलमान है II
रचना -जयप्रकाश ,जय [१२/०८/२०२० ]














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