Monday, July 27, 2020

क़िरदार नया है ....






चेहरा  है   पुराना  मगर   क़िरदार  नया   है I
मुँह  बंद   रखा   कीजिये   सरकार   नया है II
बिकने को हैं तैयार   फ़क़त   दाम  लगाओ ,
सियासत  की जमी पर लगा  बाज़ार नया है II
हार  के भी जितना  सबके ना  बस की बात ,
तुम  नहीं    समझोगे    कारोबार    नया   है II
बिक जाते अब वसूल यहां कौड़ियों के भाव ,
कुछ  भी   खरीद   लो  ये     बाजार  नया है II
ये कौन है  जो वक्त  की  आवाज   बन  रहा ,
शायद    ये     कोई     अख़बार     नया    है II
रचना -जयप्रकाश ,जय 
          25 /0 7 /2020 


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