मुश्किलों से डर जाया नहीं करते ,
घरों में जिनके छोटे मासूम बच्चे हों ,
घऱों में ऐसे ख़ाली हाथ जाया नहीं करते II
उजाला और अंधेरा कभी साथ होते हैं ,
रौशनी को अधेरों से डराया नहीं करते II
उजाला बाटना जिसका पुराना धन्धा हो ,
ऐसे सूरज को चराग दिखाया नहीं करते II
दिलों के शाह तो सबसे अमीर होते हैं ,
देने वाले देके जताया नहीं करते II
जो दूसरों से गुलों की जुस्तजू रखते है ,
दूसरों के लिए काँटे बिछाया नहीं करते II
जिनको जीने का सलीका आ गया हो जय ,
ख़ामख़ा ग़मो से घबराया नहीं करते II
रचना -जयप्रकाश विश्वकर्मा ,
30 मई 2020
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