Wednesday, May 13, 2020

पेट भर जाया करते...




काश     बातों    से     जो     पेट   भर    जाया  करते ,
तो   ग़रीब     लोग     भूखों   न   मर   जाया     करते II 1

अगर    सरकारों  में    थोड़ी  सी  भी   ख़ुद्दारी   होती ,
हजारों   मील     लोग    घरों  से   न    जाया     करते II 2

काम    करवाना      इतना    भी    नामुम्किन     नहीं ,
विरोधी   दल    जो   अगर    ऑंख   दिखाया   करते II 3

बिल्कुल    मुम्किन   राजा    की   नींद   उड़    जाती ,
अपने हक़ के लिये  गर  सड़कों पे उतर जाया करते II 4

इतनी      मदहोश     सियासत     कभी     नहीं  होती, 
नागरिक गर  अपनी   जिम्मेदारियाँ  निभाया   करते II  5

बिल्कुल     मुम्किन है    सभी   काम वक़्त  पर होता ,
भक्त गण     भी     अगर     आवाज    उठाया करते II 6

हिंदू    मुस्लिम से गर    मिडिया को वक्त मिल जाता ,
तभी     तो    ये      जमीनी      मुद्दे    उठाया     करते II 7 

रचना -जयप्रकाश विश्वकर्मा 
12 मई 2020 


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