Monday, April 27, 2020

राजा कहे रात है




राजा कहे      रात है         तो परजा भी कहे रात    । 
क्या बतलाऊ आप को ये    सुबह सुबह की बात   II 1 

कोई तुर्रम खान तो   कोई खुद को कहे सिकंदर   ।
आफत की छोटी पुड़िया ने दिखा दिया औकात    II 2 

हमने ही    क्या खूब जमी    पे उधम  मचाया था   ।
घर में बंद    देख हसती है      हमपे     कायनात   II  3 

जिनके लिए   एलेक्शन में     वादों  के  पुल  बांधे   ।
बे घर    गरीबों के   लिए   अब कहाँ गए जज़्बाद  II  4 

डॉक्टर  और   सुरक्छा  कर्मी फर्ज  निभाए खूब   ।
आफत टलने पर   बधे पहले  इनके सर पे ताज   II  5 

                रचना -जय प्रकश विश्वकर्मा , डोम्बिवली
                                                 26 अप्रेल 2020 

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