Monday, December 7, 2020

ii सितम ढाया जा रहा ii











ख़ालिस्तानी  कभी, आंतकवादी  बताया जा रहा I
अन्नदाताओं  पर ये  कैसा  सितम  ढाया जा रहा II 1


बाअदब  है अर्ज़ अपनी  ,   बेअदब  उनका   बयां ,
सर्द   मौसम  में  भी   बारिश   कराया  जा  रहा II 2

दिल्ली  बहरी  हो  गयी ,या  की  कम  सुनने  लगी ,
दूर  से  सुनती  नहीं  , तो   पास  जाया  जा रहा II 3


लोकशाही    चल रही है , पर    बिना  संवाद   के, 
चोर  रस्तों  से   सुना   कानून   लाया   जा  रहा II 4

सर्द   मौसम   हो गया  है,  पर   सियासत  गर्म है ,
बहती   गंगा  में  यहाँ अब बस  नहाया  जा रहा II 5

तय  नहीं  कर   पा  रहे , क्या   करें  क्या  ना  करें,  
ऐसा लड्डू  मुँह  में  है थूका  ना  खाया जा   रहा II 6 

हम  ना  सुधरेंगे  कभी  , चाहे  कितने  ताने   मारो , 
गोदी मिडिया  में इसे   साज़िश बताया  जा रहा II 7 


हल्के में ना ले सकोगे  , पानी    गले  तक आ गया  ,
थकने  वाले  ये नहीं , जिनको  थकाया  जा   रहा II 8 

रचना -जयप्रकाश, जय 
०७/१२/२०२० 

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