अन्नदाताओं पर ये कैसा सितम ढाया जा रहा II 1
बाअदब है अर्ज़ अपनी , बेअदब उनका बयां ,
सर्द मौसम में भी बारिश कराया जा रहा II 2
दिल्ली बहरी हो गयी ,या की कम सुनने लगी ,
दूर से सुनती नहीं , तो पास जाया जा रहा II 3
लोकशाही चल रही है , पर बिना संवाद के,
चोर रस्तों से सुना कानून लाया जा रहा II 4
सर्द मौसम हो गया है, पर सियासत गर्म है ,
बहती गंगा में यहाँ अब बस नहाया जा रहा II 5
तय नहीं कर पा रहे , क्या करें क्या ना करें,
ऐसा लड्डू मुँह में है थूका ना खाया जा रहा II 6
हम ना सुधरेंगे कभी , चाहे कितने ताने मारो ,
गोदी मिडिया में इसे साज़िश बताया जा रहा II 7
गोदी मिडिया में इसे साज़िश बताया जा रहा II 7
हल्के में ना ले सकोगे , पानी गले तक आ गया ,
थकने वाले ये नहीं , जिनको थकाया जा रहा II 8
रचना -जयप्रकाश, जय
०७/१२/२०२०
No comments:
Post a Comment