गांधीगिरी बड़े बड़ो को रुलाये I
हौसले के आगे समंदर घबराये II 1
इधर है खाई और उधर है कुआँ ,
जाएँ किधर ओ समझ में ना आये II 2
ये जिद है या सच के लिए है लड़ाई ,
देखेंगे पहले फैसला तो आये II 3
सत्य की ताक़त का नुस्खा निराला ,
बड़े से बड़ा झूठ बौना हो जाये II 4
सच का प्रयोग हमेशा सफ़ल है ,
तुम्हारा करम बापू रस्ता दिखाए II 5
रचना -जयप्रकाश ,जय
२५ /०८ /२०२०
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