Satya Sahitya
poem writer/researcher
Saturday, April 27, 2024
Sunday, April 14, 2024
गवाह नहीं है
ये सोचना गलत है कोई राह नहीं है !
हाँ चाह नहीं है जो अगर राह नहीं है !!
ऐसा भी नहीं है की अधेरों से सब गुलाम,
ऐसा भी नहीं की कोई गुमराह नहीं है !!
अच्छा है पांच सालों का है खेल सियासत,
उम्र भर का कोई बादशाह नहीं है !!
तुम कुछ भी कहो लेकिन मेरा ये मानना,
चोरों के घर चोरी कभी गुनाह नहीं है !!
वैसे तो उसका क़त्ल सरे आम हुआ है,
अदालत में मगर एक भी गवाह नहीं है !!
रचना-जय प्रकाश विश्वकर्मा ,मुंबई
Saturday, April 13, 2024
Thursday, November 9, 2023
Tuesday, June 27, 2023
Saturday, June 10, 2023
Wednesday, June 7, 2023
Thursday, May 25, 2023
Saturday, May 20, 2023
Thursday, May 18, 2023
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
जो गुनहगार है वो आज भी फ़रार है ! बेगुनाहों पे मगर जुर्म बरक़रार है !!१ जलाया शहर जो ज़रूर जुर्म था उसका , जि...
-
ऐ जिन्दगी तूने ये कैसा खेल खेला ! नगर सब पड़े सूने और मरघटों पर मेला !!१ यूँ तो जीना मरना नई बात नहीं है, लेकिन इस...
-
चाँदनी पर शबाब आता है ! चाँद जब ख़ुल के मुस्कराता है !!१ शराब ख़ुद जब पीने लगती है , आदमी जीते जी मर जाता है !!...
-
लक्ष्मण रेखा अब यहाँ पार जो कर जायेगा ! बहुत मुम्किन है लंका में खुद को पायेगा !!१ है गुज़ारिश कुछ दिन बस और हद में रहें , खुद...
-
मोम बनकर पत्थर भी, एक दिन पिघलेगा I और सूरज जहॉं डूबा वहीँ से निकलेगा II १ सुकून चाहिए गर, दर्द से लड़ना होगा , ...
-
हो कांग्रेस या बीजेपी लगतें हैं सगे भाई ! होनहार किसानों ने ये बात है समझाई !!१ सत्ता के जब हों बाहर बनते हैं सब मसीहा , सत्त...
-
PART- 1 / Version-1.2 अकेले मैं ही सब वादे निभाऊं क्या ! बता क्या क्या करूँ मर जाऊँ क्या !! दाग़ चेहरे पर ...
-
शहर से गांव तक फ़ैली हुई लाचारी है ! मग़र जंग सोशल मीडिया पर ज़ारी है !!१ उन्हें फुर्सत कहाँ चुनाव से 'जय' एक ह...
-
जरा पत्थर उछालो---- जो चाहो ओ मिलेगा जरा ख्वाइस तो पालो । सजर पे पक गया है फल जरा पत्थर उछालो ।। 1 शह...
-
किसी को घर अगर बुलाया करो ! हाथ साबुन से तुम धुलाया करो !!१ दरमियाँ फ़ासला बनाया करो ! अगर बाज़ार जब भी जाया करो !!२...